Wednesday, July 23, 2008

Definition of Poetry

"It's a whistle blown ripe in a trice,
It's the cracking of ice in a gale,
It's a night that turns green leaves to ice,
It's a duel of two nightingales.

It is sweet-peas run gloriously wild,
It's the world's twinking tears in the pod,
It is Figaro like hot hail hurled
From the flutes on the wet flower bed.

It is all that the night hopes to find
On the bottom of deep bathing pools,
It's the star carried to the fish-pond
In your hands, wet and trembling and cool.

This close air is as flat as the boards
In the pond. The sky's flat on its face.
It would be fun if these stars guffawed-
But the universe is a dull place."

by Boris Pasternak, 1917

Monday, July 21, 2008

Return good for evil

For a bawl of water give a goodly meal;
For a kindly greeting bow thou down with zeal;
For a simple penny pay thou back with gold;
If thy life be rescued, life do not withhold;
Thus the words and actions of the wise regard;
Every little service tenfold they reward;


- The story of my experiments with truth

Wednesday, July 16, 2008

कोई दीवाना कहता है

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,

मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है

ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!!



समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता

ये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता ,

मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले

जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता !!!



मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है

कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,

यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूँ हैं

जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है !!!



भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हँगामा

हमारे दिल में कोई ख्वाब पला बैठा तो हँगामा,

अभी तक डूब कर सुनते थे हम किस्सा मुहब्बत का

मैं किस्से को हक़ीक़त में बदल बैठा तो हँगामा !!!


- डॉ कुमार विश्वास

Sarfaroshi ki Tamanna

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न
जान हथेली में लिये लो बढ चले हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मैं है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल मे तूफानों की टोली और नसों में इन्कलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

- Rang De Basanti

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।

रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में
लज्जत-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है ।

यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।

ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।

खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद,
आशिकों का जमघट आज कूंचे-ऐ-कातिल में है ।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

- राम प्रसाद बिस्मिल

Sunday, July 6, 2008

अगर यही जीना है दोस्तों तो मरना क्या है ?

शहर की इस दौड़ मैं दौड़के करना क्या है ?
अगर यही जीना है दोस्तों तो फिर मरना क्या है ?

पहली बारिश मैं ट्रेन लेट होने की फिक्र है
भूल गए भीगते हुए टेहेलना क्या है ?
सीरियल की किरदारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछने की फुरसत कहाँ है ?

अब रेत पर नंगे पांव टेहेलते क्यूँ नहीं ?
एल सौ आँत है चैनल पर दिल बेहेलते क्यूँ नहीं ?
इन्टरनेट पर दुनिया से तो touch मैं हैं
लेकिन पड़ोस मैं कौन रहता है जानते तक नहीं

मोबाइल landline सबकी भरमार है
लेकिन जिगरी दोस्त तक पहुंचे ऐसे तार कहाँ है ?
कब डूबते हुए सूरज को देखा था याद है ?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है ?

शहर की इस दौड़ मैं दौड़के करना क्या है ?
अगर यही जीना है दोस्तों तो फिर मरना क्या है ?

- लगे रहो मुन्ना भाई