उड जायेगा हंस अकेला-2
जग दर्शन का मेला ।।धृ.।।
जैसे पात गिरे तरुवर के
मिलना बहुत दुहेला
न जानु किधर गिरेगा
लगया पवन का रेला।।
जब होवे उमर पूरी
जब छुटेगा हुकम हुजूरी
यम के दूत बडे मजबूत
यम से पडा झमेला ।।
दास कबीर हर के गुण गावे
वा हर को परन पावे
गुरु की करनी गुरु जायेगा
चेले की करनी चेला ।।
-- कबीर
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